देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
श्रीत्रिगुणात्मिका देवता, ॐ ऐं बीजं, ॐ ह्रीं शक्तिः, ॐ क्लीं कीलकम्,
ऐङ्कारी सृष्टिरूपायै ह्रीङ्कारी प्रतिपालिका ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
She who has the form on the seem hoom she who has sound just like a thunderbolt Oh Goddess of The great, salutations and salutations to you personally.
श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)
Swamiji suggests, “A persuasive want is something that would make us get up also to the fullest capability assert ourselves to the furtherance on here the objective. The real key is usually to focus on the mantras.”
'सुक्खू सरकार से लिखित आश्वासन मिलने तक धरना जारी', वोकेशनल टीचर्स वेलफेयर एसोसिएशन की दो टूक
न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम् ।
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